Monday 1 February 2010

एक सुर

मेरा आप सब से एक अनुरोध है,
क्यूँ हमारे देश में हर बात पर
विरोध है|

एक तरफ कहते है महगाई बहुत है बढ़ी अब उससे है
घटाना ,
दूसरी तरफ कहते है २ रूपए जयादा लेले पर भेल अच्छी बनाना|

एक विज्ञापन कहे tax ज़रुरी है भरना,
दूसरे में चिंतामणि ढूंढे नुस्के कैसे tax बचाना|

कोई कहता है पढाई का बच्चो पर बढ़ रहा झोर है,
और कोई कहे बच्चे पड़ने मैं बड़े कमचोर है|

कोई कहे Now India will Shine,
और कोई It will remain below poverty line.

मै मानता हूँ विरोध करना हमारी राजनीती का अंग है,
पर क्या इस विरोध में हम सब के हित का रंग है|

हर विरोध होता है सर्कार को गीराने के लिए,
तोह क्या यह विपक्ष का कर्तव्य है देश को चलने के लिए|

हमारे खिलाये हुए गुलाबो में कांटे उग ही जाते है,
मुदा चाहे कोई भी हो विरोधाबदी लोग मिल ही जाते है|

जो हम भारतीयों के स्वर
एक सुर में गूंज पड़े,
तोह ये दुनिया क्या है पूरी कायनात हमारे आगे झुक पड़े|

हमे एक होकर इस दुनिया को हमारा अस्तित्व है बताना,
खून के नाते ना सही खून बनानेवाले के नाते एक होने की पहल दिखाना|

मेरा मकसद नही इस कविता से आपका appreciation पाना,
बस हम सब को मिलकर है इस nation को बचाना|

9 comments:

  1. HI Jimmy,

    This one was really great... U have done both the job. u have earned appreciation from us and u have inspired people to save nation.

    Keep up good work.

    Thanks and Regards,
    Shyam

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  2. Upcoming The Greatest Poet........
    Lage Raho.....

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  3. nice one dude ......keep it up \m/

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  4. i think you should do some good work

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  5. Good one Jimy. I especially liked the line about khoon-banaanewaale ka naataa. Are you associated with DBT?
    Satyanveshi

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  6. This comment has been removed by the author.

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