Monday 18 January 2010

कल बैठ कर सोच रहा था,
मरते बच्चो के दिल का हाल खोज रहा था|

मरते वक़्त रोते तोह बहुत होंगे वो,
शायद आपने नसीब को कोसते होंगे वो|

Education के क्रेज़े को Percentage की रेस में बदल डाला,
कल के भगत सिंह को बन्नेसे पहले ही शहीद ने कोमल|

School Bag के बोज ने कोमल कंधो को ज़ुका दिया,
हमने उससे वेअक बोनस कहकर कैल्सियम संदोज़ दिखा दिया|

शिकायत भी हम करते उनसे:
बेटा tution sports बन सकता था वो सब करवाया,
फिर भी फिर भी तू अवल क्यूँ आया|

उनकी रूह भी ऊपर से जवाब देती होगी:
पापा भोज चाहा वो सब दिलवाया,
पर क्या कभी पास बैठा कर हव करवाया|

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