Thursday 12 August 2010

देख तमाशा पैसो का


देखकर यह दुनिया का मायाजाल
एक बच्चे के दिल में ख्याल आया
उसने भगवन को पत्र लिखकर बताया
प्रभु यहाँ तोह पैसो का बोलबाला है
यहाँ मत आना वरना
इन्सान आपको भी बेचने वाला है

धनि हर घोटाले कर बचता
उसके सो खून माफ़ हो जाते है
गरीब अगर चोर हो
फिर भी फासी चड़ने वाला है
प्रभु यहाँ तोह पैसो का बोलबाला है
यहाँ मत आना वरना
इन्सान आपको भी बेचने वाला है

पैसा हो तो मृत को भी
फूलो की चादर मिलती है
गरीब की लाश को यहाँ
कफ़न भी कहाँ नसीब होने वाला है
प्रभु यहाँ तोह पैसो का बोलबाला है
यहाँ मत आना वरना
इन्सान आपको भी बेचने वाला है

बिना परीक्षा मिलती Degree यहाँ
परीक्षा देनेवाला पछताता है
देख तमाशा पैसो का
इसने शिक्षण भी जीविका लक्षी बनाया है
बुखार में भी कोई ICCU में रहता
कोई Malaria में भी Crocin खाके चलता है
देख तमाशा पैसा का
इसने Doctor भी Businessman बनाया है
प्रभु यहाँ तोह पैसो का बोलबाला है
यहाँ मत आना वरना
इन्सान आपको भी बेचने वाला है

Monday 1 February 2010

एक सुर

मेरा आप सब से एक अनुरोध है,
क्यूँ हमारे देश में हर बात पर
विरोध है|

एक तरफ कहते है महगाई बहुत है बढ़ी अब उससे है
घटाना ,
दूसरी तरफ कहते है २ रूपए जयादा लेले पर भेल अच्छी बनाना|

एक विज्ञापन कहे tax ज़रुरी है भरना,
दूसरे में चिंतामणि ढूंढे नुस्के कैसे tax बचाना|

कोई कहता है पढाई का बच्चो पर बढ़ रहा झोर है,
और कोई कहे बच्चे पड़ने मैं बड़े कमचोर है|

कोई कहे Now India will Shine,
और कोई It will remain below poverty line.

मै मानता हूँ विरोध करना हमारी राजनीती का अंग है,
पर क्या इस विरोध में हम सब के हित का रंग है|

हर विरोध होता है सर्कार को गीराने के लिए,
तोह क्या यह विपक्ष का कर्तव्य है देश को चलने के लिए|

हमारे खिलाये हुए गुलाबो में कांटे उग ही जाते है,
मुदा चाहे कोई भी हो विरोधाबदी लोग मिल ही जाते है|

जो हम भारतीयों के स्वर
एक सुर में गूंज पड़े,
तोह ये दुनिया क्या है पूरी कायनात हमारे आगे झुक पड़े|

हमे एक होकर इस दुनिया को हमारा अस्तित्व है बताना,
खून के नाते ना सही खून बनानेवाले के नाते एक होने की पहल दिखाना|

मेरा मकसद नही इस कविता से आपका appreciation पाना,
बस हम सब को मिलकर है इस nation को बचाना|

Monday 18 January 2010

कल बैठ कर सोच रहा था,
मरते बच्चो के दिल का हाल खोज रहा था|

मरते वक़्त रोते तोह बहुत होंगे वो,
शायद आपने नसीब को कोसते होंगे वो|

Education के क्रेज़े को Percentage की रेस में बदल डाला,
कल के भगत सिंह को बन्नेसे पहले ही शहीद ने कोमल|

School Bag के बोज ने कोमल कंधो को ज़ुका दिया,
हमने उससे वेअक बोनस कहकर कैल्सियम संदोज़ दिखा दिया|

शिकायत भी हम करते उनसे:
बेटा tution sports बन सकता था वो सब करवाया,
फिर भी फिर भी तू अवल क्यूँ आया|

उनकी रूह भी ऊपर से जवाब देती होगी:
पापा भोज चाहा वो सब दिलवाया,
पर क्या कभी पास बैठा कर हव करवाया|

रिशवत



दसवी
के रिजल्ट आने को थे,
ख़ुशी के दिन ख़तम होने को थे |

पेपर में आपना डब्बा गुल था,
सबसे पीछे आपना नंबर था|

पिताजी ने पैसो का झोर चलाया,
रिशवत दे कर आपना नंबर बढ़वाया|

अची कॉलेज में दाखला था पाना,
फॉर्म भरे बिना अद्मिन्सिओन करवाना|

वह चलता है बस पैसो का झोर,
पढाई में चाहे हो कितने भी कमझोर|

जैसे - तैसे बी - कॉम ख़तम किया,
इसलिए पापा ने नै ऑफिस का इनोगुरतिओन किया|

सब तोह हुआ,
पर बिज़नस करने किसको आया,
रिशवत देकर टेंडर पास करवाया|

आब आई मेरी शादी की बारी,
कनिया देखि साड़ी कुवारी|

जो कनिया मुझे पसंद आये,
उससे कुंडली नही मिल पाए|

जोतिश को १०० की नोट दिखाई,
३२ गुण से हमारी कुंडली मिलवाई|

उसे लेकर महालक्ष्मी मंदिर गया,
लम्बी लाइन देखकर चक्कर गया|

थोडा सोच विचार कर एक युवती सुजाई,
१००० की नोट हवा में लहराई|

पैसे देव्ताने चमत्कार दिखाया,
पुजारी सामने से लेने आया|

अब यह दिन दूर नही,
जब यमराज भी रिश्वात लेंगे|

जो रिश्वात देगे वोह स्वर्ग में जायेंगे,
जी नही देंगे उसे नरक ले जायेंगे|

कब तक मेरी सुनकर हसोके,
कभी कभी तुम भी इस जाल में फसोके|

इससे बचने का प्रबंध आभी से शुरू करना,
खुद सचेत होकर दुस्रोको भी सचेत कर|